देवास। कलेक्टर डॉ. श्रीकान्त पाण्डेय ने मध्यप्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भण्डारण एवं व्यापार) नियम 2019 की धारा के तहत कार्यवाही करते हुए मेसर्स डिजियाना इन्डस्ट्रीज प्राईवेट लिमिटेड इन्दौर के संचालक एवं ठेकेदार श्री तजेन्द्रपाल सिंह पर एक अरब बयालीस करोड़ बीस लाख रूपये की शास्ति आरोपित करने का कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया है तथा उन्हें अपना जवाब 07 दिवस के भीतर कलेक्टर न्यायालय में समक्ष में उपस्थित होकर प्रस्तुत करने हेतु कहा गया है। नियत समयावधि में जवाब प्रस्तुत न करने पर एक पक्षीय कार्यवही की चेतावनी भी दी है।
बताया गया कि ठेकेदार तजेंद्र पाल सिंह को तहसील खातेगांव के ग्राम गुराड़िया रेत भण्डारण स्थल सर्वे नम्बर 73/2, 83/1,83/3 पर से अनुमति एवं विहित अभिवहन पारपत्र (ईटीपी) के बिना 88 हजार 879 घनमीटर रेत का अवैध परिवहन का दोषी मानकर रूपये 142,200,0000 (एक अरब बयालीस करोड़ बीस लाख रूपये) की शास्ति आरोपित करने का कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है। इस अनियमितता के कारण कलेक्टर डॉ. पाण्डेय ने ठेकेदार की शासन में जमा सभी प्रकार की सुरक्षा राशि के भुगतान पर रोक लगाने एवं ठेकेदार को देवास जिले में स्वीकृत खदानें निरस्त करने का पृथक से अनुरोध भी किया है। ज्ञातव्य है कि पूर्व में भी कलेक्टर द्वारा दिनांक 03 फरवरी 2020 को उक्त ठेकेदार को अवैध रेत परिवहन के कारण 163 करोड़ से अधिक की शास्ति आरोपित करने का नोटिस जारी किया है, जिस पर सुनवाई प्रचलित है। इस प्रकार दोनों प्रकरणों में ठेकेदार के विरुद्ध लगभग 305 करोड की शास्ति आरोपित करने की कार्यवाही जिला प्रशासन द्वारा की जा रही है।
बताया गया कि ठेकेदार तजेंद्र पाल सिंह को तहसील खातेगांव के ग्राम गुराड़िया रेत भण्डारण स्थल सर्वे नम्बर 73/2, 83/1,83/3 पर से अनुमति एवं विहित अभिवहन पारपत्र (ईटीपी) के बिना 88 हजार 879 घनमीटर रेत का अवैध परिवहन का दोषी मानकर रूपये 142,200,0000 (एक अरब बयालीस करोड़ बीस लाख रूपये) की शास्ति आरोपित करने का कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है। इस अनियमितता के कारण कलेक्टर डॉ. पाण्डेय ने ठेकेदार की शासन में जमा सभी प्रकार की सुरक्षा राशि के भुगतान पर रोक लगाने एवं ठेकेदार को देवास जिले में स्वीकृत खदानें निरस्त करने का पृथक से अनुरोध भी किया है। ज्ञातव्य है कि पूर्व में भी कलेक्टर द्वारा दिनांक 03 फरवरी 2020 को उक्त ठेकेदार को अवैध रेत परिवहन के कारण 163 करोड़ से अधिक की शास्ति आरोपित करने का नोटिस जारी किया है, जिस पर सुनवाई प्रचलित है। इस प्रकार दोनों प्रकरणों में ठेकेदार के विरुद्ध लगभग 305 करोड की शास्ति आरोपित करने की कार्यवाही जिला प्रशासन द्वारा की जा रही है।
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