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मासूम बेटे की तोतली भाषा से सैनिक हुआ मुग्ध

        भारतीय सेना में तैनात गोपाल कान्त की खुसी का माहौल उस समय चरम पर पहुच गया जब उसके पौने दो वर्ष के पुत्र ने तोतली भासा में फादर्स डे की बधाई दे डाली। दरअसल इस मसले का महत्व कई कोणों से बहुत अधिक है। भारत की सेवा में तैनात सैनिकों की मेहनत को समझा जा सकता है। अपने परिवारों से दूर रहकर सीमा पर डटे रहने वाले फौजियों को परिवार के साथ खुसी के मौके बहुत कीमत रखते हैं। पारिवारिक खुशियों की कीमत इन सैन्य कर्मियों से अधिक कोई नहीं जानता। 
          कई दिनों तक सीमा पर तैनात रहे गोपाल कान्त इन दिनों मेरठ के पांच सौ दस आर्मी बेस कैम्प में तैनात हैं। आज सुबह उन्हें नन्हे नन्हे हांथो से कोई जगा जगा कर माँ के सिखाने पर हप फाडे पप्पा बोल रहा था। आँख खुलते ही बच्चे की तोतली जबान में सर हिला हिलाकर कहे जा रहे वाक्य को सुन कर गोपाल कान्त बहुत खुस हुआ। फादर्स डे की बधाई और उस मासूम की आवाज में यह एक अति दुर्लभ पल थे। वह अपने बच्चे को काफी देर तक दुलराता रहा। इसके बाद पिता और पुत्र की खुसी देखने लायक रही।
             प्राप्त तस्वीरों में दोनों को हसते स्पष्ट देखा जा सकता है। वह दोनों काफी समय कैंट स्थित एक पार्क में लुत्फ़ उठाते रहे। गोपाल कान्त की पत्नी शोभा ने बताया वह अपने पति को पहली बार इतना खुस देख रही थीं। शोभा के अनुसार यह उनके तनाव दूर करने का आइडिया था जो काम आया। उसने सैनिकों की पत्नियों से अपने उत्तरदायित्वों को निर्वहन करते हुए इस खुसनुमा वातावरण तैयार करने और उसे सुनियोजित ढंग से पेश करने का आग्रह भी उक्त समाचार के माध्यम से किया है। शोभा ने आगे यह भी कहा वस्तुतः एक सैनिक अपने पथ पर डिगे नहीं इसमे उसकी मजबूत मानसिकता और उस मानसिकता का आधार उसकी पत्नी या फिर परिवार के अन्य सदस्यों का महत्वपूर्ण योगदान होता है। शोभा सैनिकों की पत्नियों के साथ कई बार बैठक कर विभिन्न समस्याओं पर गोष्ठियां करती रही हैं।
       
मासूम बेटे की तोतली भाषा से सैनिक हुआ मुग्ध

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