रतलाम, आलोट। मध्यप्रदेश के रतलाम जिले के आलोट थाना पुलिस ने नशे के खिलाफ चलाए जा रहे विशेष अभियान के तहत एक बड़ी सफलता हासिल की है। गुप्त सूचना के आधार पर की गई इस कार्यवाही में पुलिस ने दो अंतरराज्यीय तस्करों को गिरफ्तार कर उनके पास से भारी मात्रा में अवैध मादक पदार्थ डोडाचूरा बरामद किया है। यह कार्रवाई आलोट रेलवे स्टेशन के पास स्थित जंगल क्षेत्र में की गई, जहां से 52 किलो 400 ग्राम डोडाचूरा सहित दो आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं।यह कार्रवाई पुलिस अधीक्षक श्री अमित कुमार के नेतृत्व और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री राकेश खाखा एवं अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस) शाबेरा अंसारी के मार्गदर्शन में की गई। थाना प्रभारी निरीक्षक शंकर सिंह चौहान एवं उनकी टीम ने यह कार्रवाई अंजाम दी।
गुप्त सूचना बनी कार्रवाई का आधार
दिनांक 2 जून 2025 को आलोट थाना पुलिस को विश्वसनीय मुखबिर से सूचना प्राप्त हुई कि दो संदिग्ध व्यक्ति अवैध मादक पदार्थ लेकर मोटरसाइकिल से आलोट रेलवे स्टेशन के पास जंगल की ओर जा रहे हैं। सूचना मिलते ही थाना प्रभारी ने तत्काल टीम गठित कर कार्रवाई की रूपरेखा बनाई और संदिग्ध क्षेत्र में घेराबंदी शुरू की गई। जैसे ही पुलिस दल प्लेटफॉर्म नंबर 2 के पास जंगल क्षेत्र में पहुंचा, वहां दो व्यक्ति काले रंग की बजाज प्लेटिना मोटरसाइकिल (क्रमांक एमपी 43 EH 7292) से दिखाई दिए। जब उन्हें रोककर पूछताछ की गई और उनकी तलाशी ली गई, तो उनके पास रखे दो काले रंग के प्लास्टिक के कट्टों में डोडाचूरा भरा हुआ मिला। तौल करने पर यह मात्रा 52 किलो 400 ग्राम निकली जिसकी अनुमानित कीमत लगभग 1 लाख 4 हजार रुपये आंकी गई।
गिरफ्तार आरोपी और उनकी पहचान
पुलिस ने मौके से दोनों आरोपियों को हिरासत में लिया। पूछताछ के दौरान उनकी पहचान निम्नानुसार हुई:
- कालूसिंह पिता पर्वत सिंह गुर्जर, उम्र 31 वर्ष, निवासी अलीगढ़
- अनिल पिता गंगाराम सारण विश्नोई, उम्र 21 वर्ष, निवासी ग्राम हनुमान सागर टापू, थाना औसिया, जिला जोधपुर (राजस्थान)
ये दोनों आरोपी राजस्थान से मध्यप्रदेश की सीमा में अवैध रूप से मादक पदार्थ की तस्करी कर रहे थे और संभवतः इसकी आपूर्ति स्थानीय तस्करों या उपभोक्ताओं तक पहुंचाने की योजना थी।
एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज
पुलिस ने दोनों आरोपियों के विरुद्ध धारा 8/15 एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है। पुलिस ने मौके से दो प्लास्टिक के कट्टों में भरा 52.400 किलोग्राम डोडाचूरा, बजाज प्लेटिना मोटरसाइकिल जिसकी कीमत लगभग 50,000 रुपये बताई जा रही है, और मादक पदार्थ को बांधने में प्रयुक्त पतली सफेद रस्सी को भी जब्त किया है। वर्तमान में आरोपियों को न्यायालय में प्रस्तुत कर पुलिस रिमांड पर लिया गया है, ताकि उनसे इस मादक पदार्थ की खरीद-फरोख्त, सप्लाई चेन, और इनके संपर्कों की जानकारी प्राप्त की जा सके।
जांच की दिशा में महत्वपूर्ण कदम
इस कार्रवाई को पुलिस महकमे ने मादक पदार्थों की अवैध तस्करी के विरुद्ध एक महत्वपूर्ण सफलता बताया है। पुलिस यह जानने का प्रयास कर रही है कि आरोपियों का संबंध किस नेटवर्क से है, और क्या यह कोई बड़ा संगठित गिरोह है जो राजस्थान से मध्यप्रदेश में नशे का जाल फैला रहा है। पुलिस यह भी पता लगाने में जुटी है कि इस मादक पदार्थ की डिलीवरी किसे दी जानी थी और क्या इसके पीछे कोई स्थायी नेटवर्क काम कर रहा है। आरोपियों के मोबाइल फोन, संपर्क सूत्र और उनके पिछले रिकॉर्ड खंगाले जा रहे हैं।
पुलिस की टीम की सराहनीय भूमिका
इस पूरे अभियान में थाना प्रभारी निरीक्षक शंकर सिंह चौहान के नेतृत्व में एक विशेष टीम ने भाग लिया, जिसमें उप निरीक्षक मोहन भाटी, उप निरीक्षक अशोक चौहान, आरक्षक सुनिल चुनारा, लोकेन्द्र शर्मा, दीपक पाटीदार, बाबूलाल मालवीय, रोनक पोरवाल, शुभम भाटी, कमल सिंह, और सायबर सेल टीम का विशेष योगदान रहा। इन सभी ने सूझबूझ और तत्परता के साथ तस्करों को पकड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। सायबर सेल की तकनीकी मदद से भी आरोपियों की गतिविधियों की निगरानी की गई।
जिले में मादक पदार्थ तस्करी के विरुद्ध जारी रहेगा अभियान
रतलाम पुलिस अधीक्षक श्री अमित कुमार ने स्पष्ट किया है कि मादक पदार्थों की अवैध तस्करी किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि जिले में नशा बेचने, खरीदने और तस्करी करने वालों के विरुद्ध लगातार सख्त कार्रवाई जारी रहेगी। इसके लिए विशेष निगरानी और गुप्तचरों का नेटवर्क और भी सुदृढ़ किया जा रहा है। उन्होंने नागरिकों से भी अपील की है कि यदि उन्हें अपने आसपास किसी भी प्रकार की संदिग्ध गतिविधि या मादक पदार्थ की तस्करी से जुड़ी जानकारी मिलती है, तो तुरंत पुलिस को सूचित करें। सूचना देने वाले का नाम गोपनीय रखा जाएगा। इस कार्रवाई के बाद क्षेत्र के लोगों में पुलिस के प्रति विश्वास और सुरक्षा की भावना और भी प्रबल हुई है। लेकिन यह भी स्पष्ट है कि नशे की समस्या केवल पुलिस कार्यवाही से समाप्त नहीं की जा सकती, इसके लिए सामाजिक सहयोग और जागरूकता बेहद जरूरी है। शिक्षण संस्थानों, समाजसेवियों और मीडिया को मिलकर नशा मुक्ति के लिए जनजागरूकता अभियान चलाना चाहिए, ताकि युवा पीढ़ी इस दलदल से बच सके।
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