इंदौर। मध्यप्रदेश में देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर की सफाई अब आदमी नहीं बल्कि रोबोट करेंगे.देश में अपने तरह का ये पहला प्रयोग इंदौर नगर निगम करने जा रहा है.इसके लिए हैदराबाद की कंपनी से करार किया गया है.शुरुआत में 10 रोबोट मंगाए जा रहे हैं जो गटर व नालो की सफाई करने में उपयोग किए जाएंगे.गटर में जहरीली गैसों की वजह से सफाई कर्मियों की मौत के कारण ये फैसला लिया गया है.
जहरीली गैसों से होती है,मौत
सीवर लाइनों की सफाई करते समय कई बार कर्मचारी की जहरीली गैसों से मौत हो जाती है. इसलिए इंदौर नगर निगम नालियों की सफाई के लिए रोबोट का इस्तेमाल करने वाला है. रोबोटिक प्रणाली कारगर सिद्ध होगी. सफाई कर्मचारियों को जल निकासी के लिये गटर के अंदर नहीं उतरना पड़ेगा.रोबोट सीवेज की सफाई करेगा और इसमें लगे इंफ्रा रेड कैमरे से अंदर की स्थिति का जायजा लिया जा सकेगा.रोबोट एक बार में 20 से 30 लीटर तक कचरा उठा सकता है. हैदराबाद की जैन रोबोटिक्स कंपनी ने रोबोट बनाए हैं. एक गटर को साफ करने के लिए तीन सफाई कर्मचारियों को कम से कम तीन घंटे लगते हैं. लेकिन यही काम रोबोट 20 मिनट मे कर देगा।
अगले महिने आ जाएंगे 10 रोबोट
इंदौर नगर निगम की मेयर मालिनी गौड़ का कहना है मैनहोल में घुसकर सफाई करने में कर्मचारियों की जान जोखिम में रहती है. सीवर लाइन में जहरीली गैसें होने की वजह से कई बार सफाई कर्मचारियों की मौत भी हो जाती है. इसलिए नगर निगम मेनहोल की सफाई करने वाले रोबोट ला रहा है जो वाईफाई,ब्लूटूथ और नियंत्रण पैनल से लैस होंगे. इन रोबोट में चार पैर और एक बाल्टी लगी रहती है. ये मकड़ी जैसा दिखाई देता है. अगले महिने इन रोबोट के आ जाने से सीवर और मैनहोल की सफाई में इंसानी दखल को खत्म करने की कोशिश होगी. इससे कई लोगों की जिंदगी को बचाया जा सकेगा. शुरूआत में 10 रोबोट मंगाए जा रहे हैं. बाद में इनकी संख्या बढ़ाई जाएगी.
सफाई कर्मचारियों ने शुरू किया विरोध
इंदौर ने हादसों से सबक लेते हुए रोबोट लाने का फैसला किया. लेकिन सफाई कर्मचारियों ने इसका विरोध शुरू कर दिया है. सफाई कामगार कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष लीलाधर करोसिया का कहना है सफाई के लिए रोबोट को लाकर सफाई कर्मचारियों को बेरोजगार करने की कोशिश की जा रही है. इसका विरोध हर स्तर पर किया जाएगा. नगर निगम में 10 हजार से ज्यादा सफाई कर्मचारी हैं और इन्हीं के दम पर इंदौर लगातार तीन बार सफाई में नंबर वन आया है. चौथी बार भी नंबर वन की रेस में वो शामिल है. इन लोगों ने दिन रात मेहनत कर अपने हाथों से ही सफाई की है.रोड पर बैठकर खाना खाया और सफाई में जुटे रहे. ऐसे में रोबोट की जरूरत नहीं है. वो कहते हैं कि सरकार को दिल्ली की तरह सफाई कर्मचारियों का 1 करोड़ बीमा करना चाहिए. साथ ही सीवेज की सफाई के दौरान सभी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध करानी चाहिए.
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