नई दिल्ली। भारत में युवाओं की कमी नहीं है, हम यंग इंडिया कहलाते हैं इसलिए हमारी सोच भी यंग है और सपनें हमारी आंखों में तैरते हैं। इन्हें पूरा करने का जज्बा भी हममें हैं। बेशक हमारे सामने कई चुनौतियां हैं पर इन्हें अवसरों में बदलने की जिम्मेदारी भी हमारी ही है। यह बात पीएम मोदी ने देश के पहले ग्लोबल मोबिलिटी सम्मेलन में कही।
उन्होंने कहा कि गांव और शहर दोनों अपने तरीकों से स्मार्ट हो रहे हैं। मोबिलिटी का अर्थ ही यह है कि हम जन सामान्य के जीवन को आसान से आसान बनाएं। उन्हें रोजगार, स्वास्थ्य सुविधाएं, अवसर, बेहतर जीवन शैली दे पाएं। मुझे विश्वास है कि देश के डॉक्टर इंजीनियर से लेकर एक गांव का साधारण किसान तक इस काम में जुटा हुआ है और वह कर सकता है।
उन्होंने कहा कि भारत को मोबिलिटी के लिए एकीकृत सम्मिलित नीति रूपरेखा बनाने की जरूरत है। मोबिलिटी क्षेत्र में आने वाले बदलावों की वजह से भारत अधिक रोजगार के अवसर पैदा कर पाएगा और देश के नागरिकों के जीवन को सुगम किया जा सकेगा। बता दें कि दुनियाभर से करीब 2,200 भागीदार इस सम्मेलन में भागीदारी करे रहे हैं। इनमें सरकारों, उद्योग, शोध संगठनों, अकादमिक और समाज के प्रतिनिधि शामिल हैं।
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