झाबुआ ( मेघनगर ) : एक के बाद एक होती मौतों ने व्यापम घोटाले को अब रहस्यमयी बना दिया है. व्यापम घोटाले में एक पीड़ित का इंटरव्यू करने झाबुआ आये आज तक के पत्रकार की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई . व्यापम घोटाले में मेघनगर निवासी नम्रता का नाम आने के बाद उज्जैन जिले में रेलवे ट्रैक के पास संदिग्ध परिस्थितियों में उसकी लाश मिली थी. आज तक के पत्रकार अक्षय सिंह नम्रता के पिता मेहताब सिंह डामोर का इंटरव्यू करने के बाद मेघनगर हाउसिंग बोर्ड स्थित डामोर के घर के बाहर ही खड़े थे. तभी अचानक उनके मुंह से झाग आना शुरू हो गया. और वो जमीन पर गिर पड़े , कैमरामैन और एक अन्य रिपोर्टर द्वारा अक्षय को पहले सरकारी अस्पताल ले जाया गया फिर उन्हें जीवन ज्योति अस्पताल में भी ले जाया गया. जहां डॉक्टर ने उनकी मौत की जानकारी दी। ये दोनों ही डॉक्टर हार्टस्पेशलिस्ट नहीं थे। इसीलिए अक्षय को तुरंत ही गुजरात के दाहोद ले जाया गया। दाहोद के डॉक्टर्स ने भी अक्षय की मौत की पुष्टि कर दी।
नम्रता के पिता मेहताब सिंह डामोर ने कहा, ‘‘आज दोपहर उनके निवास पर एक रिपोर्टर सहित चैनल के तीन लोग आए थे तथा बातचीत होने के बाद संबंधित कागजात की फोटोकॉपी कराने उनका एक परिचित बाजार गया.’’ उन्होंने कहा, ‘‘रिपोर्टर सहित चैनल के लोग जब उनके घर के बाहर फोटोकॉपी का इंतजार कर रहे थे, तभी अक्षय के मुंह से अचानक झाग निकलने लगा और उन्हें तत्काल सिविल अस्पताल ले जाया गया, जहां से एक निजी अस्पताल में भेज दिया गया.’’
अक्षय दिसंबर 2013 से इंडिया टूडे ग्रुप के न्यूज चैनल आज तक में स्पेशल कॉरेस्पॉंडेड थे. अक्षय के साथ इंदौर आजतक के राहुल कवैया भी मौजूद थे। जानकारी के मुताबिक व्यापम घोटाले में अब तक कुल 44 आरोपियों और गवाहों की मौत हो चुकी है, लेकिन जांच अभी भी किसी नजीतें पर नहीं पहुंची है.
चार दिनों से घोटाले को कर रहे थे कवर
अक्षय पिछले चार दिनों से मध्य प्रदेश के अलग-अलग जगहों पर जाकर व्यापम घोटाला कवर कर रहे थे. तीन लोगों की टीम इस घोटाले को कवर कर रही थी.
इंटरव्यू लेने के दौरान बिगड़ी तबीयत
अक्षय शनिवार को नम्रता डामोर के परिजनों का इंटरव्यू लेने उज्जैन गए थे . साल 2012 में नम्रता डामोर का नाम व्यापम घोटाले में आने के बाद रेल पटरियों के पास उनका शव संदिग्ध परिस्थियों में बरामद किया गया. अक्षय मेघनगर में डामोर के माता-पिता का इंटरव्यू कर रहे थे.
संदिग्ध हालात में आजतक के रिपोर्टर अक्षय सिंह की मौत के बाद पोस्टमार्टम किया गया। 3 डॉक्टरों के पैनल ने वीडियोग्राफी के साथ अक्षय सिंह का पोस्टमार्टम किया। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में डॉक्टरों ने आतंरिक या बाहरी चोट से किया इंकार किया है। पोस्टमॉर्टम के अलावा विसरा के लिए भी 3 सैंपल लिए गए हैं। डॉक्टरों के मुताबिक विसरा रिपोर्ट के बाद ही मौत की सही वजह बताई जा सकेगी।
विसरा रिपोर्ट का इंतज़ार
मामले की SIT जांच होगी
व्यापम घोटाले पर विपक्ष के गंभीर आरोप झेल रहे राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान SIT जांच कराने का आश्वासन दिया है. उन्होंने कहा, मामले की जांच में राज्य सरकार कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेगी. मैं आहत हूं. मध्य प्रदेश आकर रिपोर्टिंग करने वाले आजतक के पत्रकार की अचानक तबीयत बिगड़ गई, उनके साथ इंदौर के पत्रकार और कैमरामैन भी थे. उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया लेकिन बचाया नहीं जा सका. यह दुर्भाग्यपूर्ण है.
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने पर तय होगी आगे की जांच
पत्रकार की मौत पर बोले दिग्गी, मैंने सावधान रहने की नसीहत दी थी
पत्रकार की मौत के बाद कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने सोशल नेटवर्किंग साइट ट्विटर के जरिए पत्रकार की मौत पर दुख व्यक्त किया है। वहीं दिग्विजय सिंह ने ये भी कहा है कि वो इससे पहले अक्षय से मिले थे और उन्होंने अक्षय को सावधान रहने के लिए भी कहा था। उन्होंने ट्विटर में लिखा कि व्यापमं घोटाले के पीड़ित के पिता के इंटरव्यू के दौरान आजतक के रिपोर्टर.... अक्षय सिंह की आज मौत हो गई, मेघनगर के झबुआ में अक्षय इंटरव्यू कर रहे थे। अक्षय सिंह नौजवान और स्वस्थ थे। उनका पोस्टमॉर्टम किया जा रहा है। चौकाने वाली बात ये कि कैमरों की देखरेख में पोस्टमॉर्टम दिल्ली में होना चाहिए था। एक दिन पहले मैं अक्षय से मिला था और उन्हे सावधान रहने की नसीहत दी थी। अक्षय के परिवार को मेरी श्रद्धांजलि।
झाबुआ के एसपी आबिद खान ने इस बात की पुष्टि की है कि अक्षय सिंह नाम के व्यक्ति की मौत मेघनगर में हुई है।
सवाल ये है कि व्यापम घोटाला अभी और कितनी जानें लेगा? मध्य प्रदेश के हाई प्रोफाइल व्यापम घोटाले की कवरेज के दौरान आजतक के विशेष संवाददाता अक्षय सिंह की अचानक मौत हो गई है. व्यापमं घोटाले से जुड़ी अब तक 44 मौतें हो चुकी हैं। इस बड़े ऐडमिशन और भर्ती घोटाले में कई अधिकारियों और राजनेताओं के नाम सामने आ रहे हैं। विपक्षी दल कांग्रेस मामले की सीबीआई जांच करवाने की मांग कर रही है।
बता दें कि नम्रता मेडिकल घोटाले के सरगना डॉक्टर जगदीश सागर से सीधे संपर्क मे थी। उसकी संदिग्ध मौत पर हाईकोर्ट ने जांच दल बनाकर रिपोर्ट सौंपने को कहा था मगर आज तक कुछ नहीं हुआ। मध्य प्रदेश में हुए करोड़ों के व्यापमं घोटाले में जिसका नाम भी सामने आता है वहीं रहस्यमई मौत का शिकार हो जाता है।
वरिष्ठ वकील केटीएस तुलसी के मुताबिक मैंने ऐसा कोई मामला ही नहीं देखा है जिसमे एक के बाद एक गवाह की मौत हो रही है। इसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए नहीं तो लोगो का कानून पर से विश्वास उठ जाएगा।
अब तक के आंकड़ों के मुताबिक व्यापमं से जुड़े लोगों में से 12 ने किसी गंभीर बीमारी की वजह से दुनिया को अलविदा कह दिया। 10 की मौत सड़क हादसे में हुई और 3 लोगों ने खुदकुशी कर ली।
व्यापमं घोटाले में जिस एक शख्स की संदिग्ध मौत ने सबसे ज्यादा चौकाया , उसका नाम है शैलेश यादव मध्य प्रदेश के राज्यपाल रामनरेश यादव के बेटे शैलेश यादव लखनऊ के सरकारी बंगले में मृत पाए गए थे। कहा गया कि शैलेश की मौत किसी अज्ञात बीमारी से हुई है, लेकिन आज तक इस बीमारी के बारे में पता नहीं लगाया जा सका है।
एक के बाद हो रही मौतों से ये तो साफ है कि मामला उतना सीधा नहीं जितना बाहर से नजर आता है।
व्यापमं घोटाला जांच अधिकारियों को मिली धमकियां,कहा-हम देख लेंगेबता दें कि व्यापमं घोटाले की गुत्थी को सबसे पहले इंदौर के एमजीएम कॉलेज में पढ़ने वाली एमबीबीएस की छात्रा नम्रता डामोर ने ही उलझाया था। घोटाले की जाँच कर रहे अधिकारियो को निरंतर धमकिया मिल रही है।
व्यापमं घोटाले में राज्यपाल पर भी हो सकती है कार्रवाई19 साल की नम्रता जब व्यापमं घोटाले में आरोपी बनीं तो पता चला उसकी तो पहले ही मौत हो चुकी है। 7 जनवरी 2012 को उज्जैन में रेल पटरी के पास नम्रता की लाश मिली थी। उसकी मौत की वजह का आज तक खुलासा नहीं हो पाया है लेकिन मौत बहुत ही रहस्यमई थी।
बता दें कि नम्रता मेडिकल घोटाले के सरगना डॉक्टर जगदीश सागर से सीधे संपर्क मे थी। उसकी संदिग्ध मौत पर हाईकोर्ट ने जांच दल बनाकर रिपोर्ट सौंपने को कहा था मगर आज तक कुछ नहीं हुआ। मध्य प्रदेश में हुए करोड़ों के व्यापमं घोटाले में जिसका नाम भी सामने आता है वहीं रहस्यमई मौत का शिकार हो जाता है।
- इस मामले में अब तक 44 लोगों की मौतें हो चुकी हैं जिनमें से 25 तो सीधे तौर पर आरोपी थे।
- 7 जुलाई 2013 को व्यापमं घोटाला केस में पहली बार मुकदमा दर्ज हुआ। 11 आरोपियों की केस दर्ज होने से पहले ही मौत हो चुकी थी। उसके बाद इंदौर के राजेंद्र नगर थाने में अप्रैल 2014 तक जांच चली। इन दस महीनों में चार आरोपियों की मौत हो गई।
- अप्रैल 2014 से हाईकोर्ट की निगरानी में चल रही एसटीएफ की जांच के दौरान 10 और आरोपियों की मौत हो चुकी है। जिनमें से 6 की मौत मध्य प्रदेश के बाहर हुई है
वरिष्ठ वकील केटीएस तुलसी के मुताबिक मैंने ऐसा कोई मामला ही नहीं देखा है जिसमे एक के बाद एक गवाह की मौत हो रही है। इसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए नहीं तो लोगो का कानून पर से विश्वास उठ जाएगा।
अब तक के आंकड़ों के मुताबिक व्यापमं से जुड़े लोगों में से 12 ने किसी गंभीर बीमारी की वजह से दुनिया को अलविदा कह दिया। 10 की मौत सड़क हादसे में हुई और 3 लोगों ने खुदकुशी कर ली।
व्यापमं घोटाले में जिस एक शख्स की संदिग्ध मौत ने सबसे ज्यादा चौकाया , उसका नाम है शैलेश यादव मध्य प्रदेश के राज्यपाल रामनरेश यादव के बेटे शैलेश यादव लखनऊ के सरकारी बंगले में मृत पाए गए थे। कहा गया कि शैलेश की मौत किसी अज्ञात बीमारी से हुई है, लेकिन आज तक इस बीमारी के बारे में पता नहीं लगाया जा सका है।
एक के बाद हो रही मौतों से ये तो साफ है कि मामला उतना सीधा नहीं जितना बाहर से नजर आता है।
निगम बोध घाट पर अंतिम संस्कारपोस्टमार्टम के बाद मध्य प्रदेश से अक्षय का शव दिल्ली लाया जा रहा है. शव दिल्ली पहुंचने के बाद दोपहर दो बजे निगम बोध घाट पर उनका अंतिम संस्कार होगा. अक्षय पिछले चार दिनों से मध्य प्रदेश की अलग-अलग जगहों पर जाकर व्यापम घोटाला कवर कर रहे थे. तीन लोगों की टीम इस घोटाले पर स्पेशल रिपोर्ट तैयार करने मेघनगर गई थी.
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