रायपुर : केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में आज नई दिल्ली में आयोजित देश के नक्सल प्रभावित राज्यों की उच्च स्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने छत्तीसगढ़ के हितों से जुड़े विभिन्न विषयों की ओर केन्द्र सरकार का ध्यान आकर्षित किया। बैठक की अध्यक्षता करते हुए केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि नक्सल समस्या हमारे देश और लोकतंत्र के लिए गंभीर चुनौती है। उन्होंने इस समस्या से निपटने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार को केन्द्र की ओर से अपना हरसंभव सहयोग लगातार जारी रखने का आश्वासन दिया। बैठक में डॉ. रमन सिंह के अनेक प्रस्तावो को विभिन्न मंत्रालयों की ओर से तुरन्त मंजूर कर लिया गया।
उच्च स्तरीय बैठक में डॉ. रमन सिंह के प्रस्ताव पर केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री श्रीमती स्मृति ईरानी ने बस्तर संभाग के सुकमा, बीजापुर, दन्तेवाड़ा और नारायणपुर जिले में बच्चों की शिक्षा के लिए संचालित पोटा केबिनों का उन्नयन हाई स्कूल के रूप में करने और उनमें दसवीं तक की पढ़ाई की सुविधा देने तथा इन तीनों जिलों में संचालित मॉडल स्कूलों में 5-5 सौ सीटों वाले छात्रावास खोलने की स्वीकृति तुरन्त प्रदान कर दी।
उल्लेखनीय है कि पोटा केबिन इन जिलों में नक्सल पीडि़त गांवों के बच्चों के लिए आवासीय स्कूलों के रूप में संचालित हैं और उनमें 8वीं तक पढ़ाई की सुविधा है। मुख्यमंत्री की मांग पर केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री ने बस्तर संभाग में सुकमा, बीजापुर तथा दंतेवाड़ा जिलों के ग्यारह विकासखण्डों में आश्रम-स्कूल और छात्रावास खोलने की भी स्वीकृति प्रदान कर दी। डॉ. रमन सिंह ने बैठक में यह भी प्रस्ताव दिया कि बस्तर राजस्व संभाग की प्रत्येक ग्राम पंचायत में कम से कम एक डाकघर अवश्य होना चाहिए। इसी तरह हर ग्राम पंचायत में कम से कम एक राष्ट्रीयकृत बैंक शाखा भी होनी चाहिए, ताकि मनरेगा सहित विभिन्न शासकीय योजनाओं में हितग्राहियों को राशि का भुगतान तत्काल हो सके और हितग्राहियों को भटकना न पड़े। मुख्यमंत्री के आग्रह पर केन्द्रीय दूर संचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बस्तर में निकट भविष्य में खुलने वाले डाक घरों में स्थानीय युवाओं को भर्ती किए जाने की स्वीकृति बैठक में ही प्रदान कर दी। मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ के वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित इलाकों में सड़क, टेलीफोन, संचार सुविधा और बिजली आदि से संबंधित अधोसंरचना निर्माण के लिए राज्य को 40 हेक्टेयर तक पर्यावरण अनुमति का अधिकार दिए जाने की मांग रखी। वर्तमान में यह सीमा पांच हेक्टेयर तक है। केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि इस पर गंभीरता से विचार कर जल्द निर्णय लिया जाएगा।
डॉ. रमन सिंह ने बैठक में कहा कि बस्तर में वामपंथी उग्रवाद की समाप्ति वहां के सर्वांगीण विकास से ही सभंव है। मुख्यमंत्री के आग्रह पर केन्द्रीय गृह मंत्री ने छत्तीसगढ़ के लिए विकास और सुरक्षा से जुड़े अनेक विषयों पर तुरन्त स्वीकृति प्रदान कर दी। बैठक में केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि नक्सल समस्या देश की सबसे गंभीर समस्या है। इस समस्या से छत्तीसगढ़ का बस्तर क्षेत्र सर्वाधिक प्रभावित है।
समस्या से निपटने के लिए केन्द्र सरकार छत्तीसगढ़ को पूर्ण सहयोग देगी। उन्होंने केन्द्र सरकार के सभी मंत्रालयों को बड़े निर्णय लेने के साथ इन क्षेत्रों में विकास के कार्य तेजी से संचालित करने के निर्देश दिए। राजनाथ सिंह ने कहा कि आवश्यक होने पर इसके लिए नियमों को भी शिथिल किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के बस्तर से वामपंथी उग्रवाद को जड़ से समाप्त करने के लिए केन्द्र राज्य को हर सभंव मदद मुहैया कराएगा।
बैठक में रेल मंत्री सुरेश प्रभु, केन्द्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गड़करी, केन्द्रीय केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री हरिभाई पार्थीभाई चैधरी, केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडनवीस सहित केन्द्रीय गृह सचिव एल.सी. गोयल, छत्तीसगढ़ सरकार के मुख्य सचिव विवेक ढांड, पुलिस महानिदेशक अमरनाथ उपाध्याय, ऊर्जा विभाग और मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव अमन सिंह, लोक निर्माण विभाग के प्रमुख सचिव अमिताभ जैन, स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव सुब्रत साहू, छत्तीसगढ़ भवन नई दिल्ली की आवासीय आयुक्त श्रीमती बी.व्ही. उमादेवी और तेलगांना, ओडि़सा व झारखंड राज्यों के मुख्य सचिव व पुलिस महानिदेशक भी उपस्थित थे। केन्द्र सरकार के सड़क एवं परिवहन, दूरसंचार, सूचना एवं प्रसारण, वित्त, रेलवे और अन्य विभागों के अधिकारी भी उपस्थित थे।
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