आशा न्यूज़ ब्यूरो । नासिक सिंहस्थ महाकुंभ आज से शुरू हो रहा है। यह देश का सबसे छोटा कुंभ स्थल है जो 200 एकड़ में फैला हुआ है। बताया जा रहा है कि नासिक कुंभ में करीब 80 लाख से 1 करोड़ तक लोगों के आने की उम्मीद है। जबकि 25 से 30 लाख श्रद्धालु त्र्यंबकेश्वर में आ सकते हैं। आज यानी 14 जुलाई से शुरू हो रहा महाकुंभ 25 सितंबर तक चलेगा।
क्या कुछ खास और अलग है इस महाकुंभ में, आइए जानते हैं:
- गोदावरी नदी में पवित्र डुबकी दो स्थानों पर लगाई जाती है।
- स्नान को लेकर साधुओं के दो अखाड़ों के बीच संघर्ष का लंबा इतिहास रहा है।
- माना जाता है कि 225 साल पहले ऐसे वर्चस्व (यानी पहले कौन-सा अखाड़ा स्नान करेगा) को लेकर बड़ी झड़प भी हो चुकी है, जिसमें 12000 लोग मारे गए थे।
- इस घटना के बाद पेशवा के आदेश पर दो अलग-अलग घाट बनाए गए। एक नासिक में और दूसरा त्र्यंबकेश्वर में।
- मेला नासिक के बीचोंबीच लगता है जहां नदियों के किनारे (पाट) इलाहाबाद या उज्जैन की तुलना में काफी संकरे हैं।
महाकुंभ की प्रमुख तिथियों की बात करें तो पहला शाही स्नान 29 अगस्त को, दूसरा शाही स्नान 13 सितंबर को, तीसरा शाही स्नान 18 सितंबर को और त्र्यंबकेश्वर में होने वाला शाही स्नान 25 सितंबर को होगा।
प्लास्टिक फ्री
महाराष्ट्र की फडणवीस सरकार कुंभ के जरिए पीएम के स्वच्छ भारत अभियान की उपयोगिता दर्शाना चाहती है। इसके लिए 10 से 15 हजार वॉलिंटियर्स प्रशासन के साथ मिलकर गोदावरी के किनारों की साफ-सफाई पर काम कर रहे हैं।
वहीं बिल गेट्स फाउंडेशन भी डिस्पोजेबल डस्टबिन और बाकी सामान उपलब्ध करवा रहा है, ताकि रोजाना के करीब चार करोड़ पेपर प्लेट और कप (अनुमानित) बटोरे जा सकें। इस कुंभ में प्लास्टिक पर पाबंदी होगी और श्रद्धालुओं को कपड़े के थैले मुफ्त में दिए जाएंगे।
यात्री सुविधाएं
- नासिक में 7 नए घाटों और त्र्यंबकेश्वर में 4 घाटों के लिए राज्य सरकार ने 2378 करोड़ रुपये का बजट रखा।
- हर 20 मिनट पर ट्रेनें चलाने की तैयारी है। बसें शहर से बाहर ही रोक दी जाएंगी। एक लाख गाड़ियों की पार्किंग की व्यवस्था की गई है।
- 338 एकड़ में 3 लाख साधुओं के ठहरने के लिए साधुग्राम भी बनाया गया है।
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