जलगांव: शहर के गोलाणी मार्केट परिसर के समीप मुख्य मार्ग पर स्थित अविनाशक लॉन्ड्री पर मालिकाना विवाद के चलते रातोरात लॉन्ड्री का सामान गायब कर दुकान पर कब्जा कर लिया गया। इस मामले में लॉन्ड्री के चालक ४८ वर्षीय नंदकुमार परशराम वाघ ने शहर पुलिस स्टेशन में ५ लाख ७४ हजार ७०० रुपये की सामग्री जाने की शिकायत दर्ज कराई। सोमवार सुबह तक यह मामला कब्जा करने वाले जय विजय गोविंद निकम व उसके सहयोगियों के पक्ष में जारी रहा। किन्तू शिकायत कर्ता द्वारा प्रस्तुत किये गए पुराने कागजों व निरंतर चलाई जा रही लॉन्ड्री की दुकान के सबुतों के आधार पर शिकायत दर्ज करने के बाद हरकत में आया।
नंदकुमार वाघ ने शहर पुलिस स्टेशन में प्राथमिकी दर्ज कराते हुए बताया कि संबंधित दुकान पर वह व उनकी माताजी शकुंतला वाघ लॉन्ड्री चलाने का कार्यकरते है। शकुंतलाबाई वाघ के नाम पर लॉन्ड्री का व्यवसाय अंकित है और संबंधित स्थान पर यह परिवार विगत ६० वर्षों से पिढी दर पिढी जीवन यापन कर रहा है। संबंधित दुकान गंगाधर धनजी काबरा के स्वामित्व की थी। जिस पर किराया बढाने को लेकर पूर्व में न्यायालय में मामला भी चला। यह मामला नंदकुमार वाघ के पक्ष में जारी हुआ। इसके उपरांत कुछ समय पहले संबंधित इमारत जयविजय गोविंदा निकम ने खरिदी। और अपनी हेयर पार्लर की दुकान प्रारंभ की। रविवार को लॉन्ड्री बंद कर नंदकुमार वाघ घर गये तो देररात लगभग दो बजे परिसर के संजय कोली ने घर आकर जानकारी दी कि नितीन मुर्लिधर मराठे, सतिश विष्णु बेंडाले, रविंद्र मुर्लिधर मराठे, जयविजय गोविंद निकम व अन्य २० लोगों ने लॉन्ड्री का ताला तोडकर दुकान में से सारा माल निकाल लिया। और अपने ब्युटी पार्लर का सामान भर दिया।
नंदकुमार वाघ ने पुलिस को चोरी के सामान की एक सूची भी सौंपी। इस सूची में पुलिस की एक टोपी भी शामिल है। सूची के अनुसार ५ लाख ७४ हजार ७०० रुपये की सामग्री जाने की जानकारी दी गई है। दुकान में २५ हजार रुपये नगद होने की भी शिकायत की गई है। इस घटना क्रम में शिकायत कर्ता ने सेंधमारी करते हुए जबरण दुकान पर कब्जा करने की शिकायत दर्ज कराई। सोमवार को घटित हुए इस घटना क्रम से आस पास के लोग भी सकते में आ गये। जलगांव में जबरण रातोरात दुकान पर कब्जा जैसी घटना घटित होने पर लोगों पर पुलिस का अंकुश ना रहने की बात कही गई। इस बीच अपुष्ट सूत्रों से जानकारी मिली कि मामला दर्ज होने के बाद से जयविजय निकम व अन्य भुमिगत यां फरार बताये जा रहे है। न्यायालय प्रक्रिया के लिये कब्जा करने वालों के भुमिगत होने की आशंका व्यक्त की जा रही है। नंदकुमार वाघ परिवार विगत ६० वर्षों से पैत्रिक विरासत के रूप में संबंधित दुकान पर मौजुद बताया जा रहा है।
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