पक्का इरादा,कड़ी मेहनत और आत्मविश्वास ही है सफलता का रहस्य
इन्दौर: कमिश्नर श्री संजय दुबे ने विद्यादान योजना के तहत आज कमिश्नर कार्यालय सभाकक्ष में शासकीय माध्यमिक कन्या विद्यालय मूसाखेड़ी के विद्यार्थियों से रूबरू चर्चा की। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि आप लोग पढ़ाई के साथ-साथ खेलकूद, हस्तकला, घरेलू कामकाज, सिलाई, कढ़ाई, बुनाई, गायन-वादन आदि में निपुण बनें। उन्होंने कहा कि वे किसी एक क्षेत्र को चुन लें और उसमें कम से कम अपने जिले में सर्वश्रेष्ठ बनकर बतायें। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि खेलकूद और घरेलू कामकाज करने से कोई भी व्यक्ति शारीरिक रूप से मजबूत बनता है।
ज्ञातव्य है कि कमिश्नर श्री दुबे हर शनिवार को दो घण्टे इसी शासकीय माध्यमिक कन्या विद्यालय मूसाखेड़ी में पढ़ाते हैं। उन्होंने कहा कि टेलीविजन वन-वे ट्राफिक है, मगर वीडियो कांफ्रेंसिंग टू-वे ट्राफिक है। वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये कोई भी व्यक्ति किसी भी व्यक्ति से आमने-सामने दुनिया में किसी भी कोने से बातचीत कर सकता है। बच्चों के एक प्रश्न का उत्तर देते हुये उन्होंने कहा कि माता ही हमारी प्रथम गुरू हैं।
उन्होंने कहा कि हम प्रतिदिन कुछ न कुछ सींखते हैं। सीखेने का सिलसिला आजीवन चलता रहता है। शिक्षक भी विद्यार्थी से या विद्यार्थी, अध्यापक से प्रतिदिन कुछ न कुछ सींखता है। बच्चों के प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि कड़ी मेहनत, पक्का इरादा और आत्म विश्वास ही सफलता का रहस्य है। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को कल्पना के पंख लगाकर अच्छा से अच्छा आदमी बनने का सपना देखना चाहिये और उसे पूरा करने के लिये प्राण-प्रण से लग जाना चाहिये। सच्चा सपना वही है जो हमें सोने न दे। इस अवसर पर डॉ.जी.डी.अग्रवाल, बीआरसी श्री आर.एस.तंवर, हेड मास्टर श्री राधेश्याम वर्मा, शिक्षक सर्वश्री नियाज मोहम्मद, श्रीमती प्रीति गुप्ता, श्रीमती सुनिता उपाध्याय, श्री अशोक यादव, श्री एस.एस.गुणवेचा आदि मौजूद थे।
ज्ञातव्य है कि कमिश्नर श्री दुबे हर शनिवार को दो घण्टे इसी शासकीय माध्यमिक कन्या विद्यालय मूसाखेड़ी में पढ़ाते हैं। उन्होंने कहा कि टेलीविजन वन-वे ट्राफिक है, मगर वीडियो कांफ्रेंसिंग टू-वे ट्राफिक है। वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये कोई भी व्यक्ति किसी भी व्यक्ति से आमने-सामने दुनिया में किसी भी कोने से बातचीत कर सकता है। बच्चों के एक प्रश्न का उत्तर देते हुये उन्होंने कहा कि माता ही हमारी प्रथम गुरू हैं।
उन्होंने कहा कि हम प्रतिदिन कुछ न कुछ सींखते हैं। सीखेने का सिलसिला आजीवन चलता रहता है। शिक्षक भी विद्यार्थी से या विद्यार्थी, अध्यापक से प्रतिदिन कुछ न कुछ सींखता है। बच्चों के प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि कड़ी मेहनत, पक्का इरादा और आत्म विश्वास ही सफलता का रहस्य है। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को कल्पना के पंख लगाकर अच्छा से अच्छा आदमी बनने का सपना देखना चाहिये और उसे पूरा करने के लिये प्राण-प्रण से लग जाना चाहिये। सच्चा सपना वही है जो हमें सोने न दे। इस अवसर पर डॉ.जी.डी.अग्रवाल, बीआरसी श्री आर.एस.तंवर, हेड मास्टर श्री राधेश्याम वर्मा, शिक्षक सर्वश्री नियाज मोहम्मद, श्रीमती प्रीति गुप्ता, श्रीमती सुनिता उपाध्याय, श्री अशोक यादव, श्री एस.एस.गुणवेचा आदि मौजूद थे।
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