रतलाम । शुक्रवार और शनिवार रात से शाम के 15 घन्टो में रतलाम में पानी ने हाहाकार मचा दिया। शनिवार शाम 5 बजे तक 15 इंच वर्षा दर्ज की जा चुकी थी। 2 बच्चों सहित 4 लोगों के बारिश के कारण मौत हो गई, जबकि एक अन्य लापता है। शहर की कई निचली बस्तियों को प्रशासन ने खाली करवाकर रहवासियों को सुरक्षित स्थानों पर पंहुचाया। नदी,नाले और तालाब उफन रहे हैं। रेल और सड़क मार्ग बारिश से बाधित हो गए है।
बीती मध्य रात्रि शुरु हुई बारिश शनिवार पूरे दिन जारी रही।
सुबह आठ बजे 8 इंच बारिश दर्ज की गई जबकि शाम पांच बजे तक शहर में करीब 7 इंच बारिश और दर्ज की गई। इस तरह 15 घण्टो में 15 इंच बारिश हो गई। इस दौरान लक्कडपीठा क्षेत्र के नाले में बहने से 14 साल की टीना पिता हीरालाल की मौत हो गई। ग्राम आलनिया में 6 साल के अज्जू पिता मुकेश वसुनिया की नाले में बहने से मोत हो गई। उसका शव गांव से तीन किमी दूर कुआझागर से बरामद हुआ। उधर सैलाना के 38 साल के एहसान और उसके 65 साल के पिता ताज मोहम्मद की सरवन से करीब छ: किमी पहले एक क्षतिग्रस्त पुलिस से गुजरते वक्त पिकअप बहने से मौत हो गई।
दंतोड़िया में 35 साल का चोकीदार नाथूलाल भी बह गया। वह रात तक लापता था। एसडीएम सुनील झा और निगमायुक्त सोमनाथ झारिया ने शहर में भ्रमण किया। अमृत सागर तालाब के ओव्हरफ्लो होने के कारण मोतीनगर के निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर पंहुचाया गया। एडीएम कैलाश वानखेडे ने बताया कि शहर के सभी सरकारी स्कूल भवनों को राहत कार्यों के मद्देनजर खाली करवा लिया है। तीन धर्मशालाओं में भी बाढ पीडीतों के लिए व्यवस्थाएं की गई है। शहर की निचली बस्तियों में बसें व कार्यकर्ता तैनात कर दिए गए है, जो लोगों को सुरक्षित स्थानों तक ले जाएंगे। बारिश के कारण राजधानी सहित 12 ट्रेनें घंटो लेट हुई। रेल प्रवक्ता जेके जयंत के अनुसार 7 ट्रेनें निरस्त की गई। बसे भी नही चली। इससे लोग परेशान हो गए।
जिले में बारिश को देखते हुए जिला प्रशासन ने 27 जुलाई सोमवार को सभी शासकीय और अशासकीय स्कूलों में अवकाश घोषित कर दिया है। एसडीएम सुनिल कुमार झा ने बताया कि कक्षा एक से बारह तक के विद्यार्थियों के लिए अवकाश रहेगा। जिले में 36 घंटों में 18 इंच बारिश हो चुकी है, जो अपने आप में रेकार्ड है।
शुक्रवार रात से शुरु हुई बारिश रविवार दिनभर भी जारी रही।
भारी बारिश की संभावनाओं को देखते हुए जिला प्रशासन ने सोमवार को भी शासकीय और निजी स्कलों में अवकाश घोषित कर दिया है। रविवार तक बारिश के आंकड़े चौकाने वाली स्थिति में पहुंच गए थे। जिले के भू- अभिलेख विभाग से मिले आंकडों के मुताबिक पिछले चौबीस घण्टों में जिले में औसत दस इंच बारिश दर्ज की गई। इस तरह जिले में इस वर्ष अब तक कुल 32 इंच बारिश हो चुकी है,जोकि पिछले वर्ष इसी अवधि में हुई वर्षा से तेईस इंच अधिक है। विकासखण्ड वार बारिश की स्थिति देखें तो 24 घंटों में सर्वाधिक बारिश जावरा में दर्ज की गई है।
जावरा में चौबीस घण्टों में 15 इंच बारिश हुई। जावरा में अब तक कुल पैंतीस इंच बारिश हो चुकी है,जो गत वर्ष की तुलना में साढे छब्बीस इंच अधिक है। इसी तरह पिपलौदा में चौबीस घण्टो में दस इंच,रतलाम में दस इंच,सैलाना में दस इंच और आलोट में आठ इंच बारिश दर्ज की गई। जिले में सबसे कम बारिश बाजना में दर्ज की गई। यहां गत चौबीस घण्टों में सात इंच बारिश हुई। रतलाम विकासखण्ड में अब तक कुल तैतीस इंच बारिश हो चुकी है। बारिश का यह आंकडा गत वर्ष की तुलना में तेईस इंच अधिक है। कई वर्षो में यह पहला मौका है जब मात्र 36 घण्टों में अठारह इंच बारिश गिर चुकी है।
जिले में अभी तक की सबसे ज्यादा बारिश सैलाना में दर्ज की गई है। यहां कुल 879 मिमी. बारिश हुई है, जो जिले के अन्य विकासखण्डों में सबसे ज्यादा है। शुक्रवार से जारी बारिश के कारण लोग सूर्यदेव के दर्शन के लिए तरसने लगे है।
बारिश ने किया नुकसान
दो दिनों से लगातार जारी बारिश ने जिले में काफी नुकसान किया है। सार्वजनिक और निजी संपत्ति को जो क्षति हुई है ,उसका आंकलन किया जाए तो वह करोडों में जाएगा। पुलिया, सड़क, मकान सभी को नुकसान हुआ है। जिले के ग्रामीण क्षैत्रों मे ंकच्चे मकानों को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। जावरा सबडिवीजन के कुछ गावों में तो रविवार को भी पानी घुसने के समाचार है।
बारिश के कारण नदीं नाले पुर होने की वजह से कई रास्ते रविवार को भी बंद रहे। जिले में बारिश से दो दिनों में अब तक पांच जाने जाने की खबर है। बारिश ने शहर की सड़कों को बरबाद कर दिया है।
सड़कों के गड्ढे विकराल रुप में आ चुके है। घटिया निर्माणों की पोल इस बारिश ने खोल कर रख दी है। जिन मकान दुकानों में पानी घुसा है वे अपने नुकसान का आकलन करने में लगे है। शहर की विद्युत और दूरसंचार व्यवस्था भी बारिश के चलते प्रभावित हुई, और इस वजह से लोग काफी परेशान हुए।
सैकड़ों परिवार हुए प्रभावित
बारिश के कारण सैकड़ों परिवार प्रभावित हुए। मोती नगर, सिलावटों का वास सहित कुछ अन्य बस्तियों जिसमें पानी घुसा हुआ था और जन जीवन पर संकट उत्पन्न हो रहा था, उन बस्तियो से सैकड़ों परिवारों को जिला प्रशासन ने शनिवार शाम को ही सुरक्षीत स्थानों पर पहुंचा दिया था।
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